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आज देशभर में लोग मकर संक्रांति का पर्व मना रहे हैं। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों पुरानी रही है। मकर संक्रांति का त्योहार तिल-गुड़ और पतंगबाजी के बिना अधूरा माना जाता है। मकर संक्रांति का नाम सुनते ही तिल के लड्डू और आसमान में रंग बिरंगी पतंगे उड़ती हुई नजर आने लगती हैं। यही वजह है कि आज के दिन बच्चों से लेकर बड़े तक आसमान पर रंग-बिरंगी पतंग उड़ाते नजर आते हैं। हालांकि कई बार पतंग उड़ाते समय हुई छोटी सी भी चूक त्योहार का मजा किरकिरा कर देती है। ऐसे में आपके त्योहार का रंग और मौज मस्ती बनाए रखने के लिए जानते हैं पतंगबाजी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य उत्तर की ओर गमन करने लगता है। इस पर्व से ही शुभ कार्यों की शुरूआत होती है। ऐसे में शुभता की शुरूआत का जश्न मनाने के लिए पतंग का सहारा लिया जाता है। घर में शुभता के आगमन की खुशी में मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है।
पतंग खरीदते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि पतंग की डोर चीनी मांझे की जगह सामान्य मांझे की हो। इस तरह के मांझे से सिर्फ आप ही नहीं बल्कि पशु पक्षी भी सुरक्षित रहेंगे। पतंग उड़ाने वाली चीनी डोर में नायनॉल का यूज होता है,जिस पर कांच का बुरादा चढ़ा होने के कारण यह आसमान में उडने वाले पक्षियों के साथ लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है।